केरल की पहली आदिवासी एयर होस्टेस गोपिका गोविंद की यात्रा 2025

केरल की पहली आदिवासी एयर होस्टेस गोपिका गोविंद की प्रेरणादायक कहानी

केरल की गोपिका गोविंद ने इतिहास रच दिया है। वह राज्य की पहली आदिवासी एयर होस्टेस गोपिका गोविंद बनकर सभी के लिए मिसाल बनी हैं। 24 वर्षीय गोपिका अलाक्कोड के कवुनकुडी में एक एसटी कॉलोनी में रहती हैं और करीमबाला आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। उनके माता-पिता, पी. गोविंदन और वी.जी. बीजी, दिहाड़ी मजदूर हैं। आर्थिक तंगी के बावजूद, गोपिका ने अपने सपने को कभी नहीं छोड़ा और आज एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ काम कर रही हैं और पहली आदिवासी एयर होस्टेस गोपिका गोविंद के रूप में जानी जा रही हैं ।

संघर्ष से सफलता तक का सफर

गोपिका का बचपन आर्थिक चुनौतियों से भरा था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने बचपन से ही एयर होस्टेस बनने का सपना देखा था, लेकिन पैसों की कमी के कारण उन्होंने केमिस्ट्री में बीएससी की पढ़ाई की। एक साल बाद, एक अखबार में कैबिन क्रू की तस्वीर देखकर उन्हें अपना सपना याद आया। इसके बाद, उन्होंने एविएशन कोर्स की तलाश शुरू की।अपने अथक प्रयास और लगातार मेहनत के कारण आज वह भारत की पहली आदिवासी एयर होस्टेस गोपिका गोविंद के रूप में जानी जा रही हैं ।

SOURCE- YOUTUBE (Bheem Sena). Thanks

गोपिका को आदिवासी छात्रों के लिए सरकारी सहायता का लाभ मिला। उन्होंने वायनाड के ड्रीम स्काई एविएशन ट्रेनिंग एकेडमी में एक साल का डिप्लोमा कोर्स किया, जिसकी 1 लाख रुपये की फीस सरकार ने वहन की। इसके बाद, उन्होंने एयर इंडिया एक्सप्रेस में नौकरी के लिए आवेदन किया। पहले इंटरव्यू में असफल होने के बाद, दूसरे प्रयास में उन्हें कैबिन क्रू की नौकरी मिल गई। जिसके कारण आज वह केरल की पहली आदिवासी एयर होस्टेस गोपिका गोविंद के रूप में जानी जाती हैं”

 

पहली उड़ान और सफलता

अप्रैल 2024 में, गोपिका ने कन्नूर से गल्फ देशों के लिए अपनी पहली उड़ान भरी। उनकी कहानी ने साबित किया कि मेहनत और हौसला कभी व्यर्थ नहीं जाता। उनका कहना है:

“अपने सपनों को डर के साथ नहीं, बल्के विश्वास के साथ पूरा करो। मेहनत का परिणाम खुद बोलेगा।”

 

आदिवासी समुदाय के लिए प्रेरणा

गोपिका की सफलता ने आदिवासी युवाओं के लिए नए रास्ते खोल दिए हैं। उनकी कहानी सरकारी योजनाओं के महत्व को भी उजागर करती है, जैसे:

  • विशेष आदिवासी छात्रवृत्ति
  • कौशल विकास कार्यक्रम
  • रोजगार प्रशिक्षण योजनाएं

केरल सरकार ने भी उन्हें सम्मानित किया है और उनकी उपलब्धि को आदिवासी समाज में शिक्षा और रोजगार के नए अवसरों की शुरुआत बताया है।

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सपने देखो, संघर्ष करो, सफल हो जाओ!

गोपिका गोविंद की कहानी साबित करती है कि परिस्थितियां कभी भी सपनों की राह में बाधक नहीं बन सकतीं। उन्होंने न सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन किया, बल्कि पहली आदिवासी एयर होस्टेस गोपिका गोविंद वनकर पूरे आदिवासी समुदाय को गर्व महसूस कराया। उनकी सफलता का मंत्र है:

“लक्ष्य छोटा हो या बड़ा, उसे पाने के लिए पूरी ईमानदारी से मेहनत करो।”

 

अतिरिक्त जानकारी

  • केरल में आदिवासी समुदाय: राज्य में 35 से अधिक आदिवासी समूह हैं, जिनमें करीमबाला, पनिया और कुरुम्बा प्रमुख हैं।
  • सरकारी योजनाएंवनबंधु कल्याण योजना, एकलव्य मॉडल स्कूल जैसी योजनाएं आदिवासी छात्रों को शिक्षा और रोजगार में मदद करती हैं।
  • एविएशन सेक्टर में आदिवासी महिलाएं: गोपिका के बाद, अब और भी आदिवासी युवाओं ने इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की इच्छा जताई है।

गोपिका की कहानी संघर्ष, साहस और सफलता की मिसाल है, जो हर किसी को प्रेरित करती है! ✈️💫

जो छात्र निरंतर अपनी मंजिल पाने के लिए जी-जान से जुटे हैं, उनके लिए गोपिका गोविंद की कहानी एक जीती-जागती मिसाल है। वह एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने संसाधनों की कमी और सामाजिक चुनौतियों को कभी अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया। आज वह भारत की पहली आदिवासी एयर होस्टेस गोपिका गोविंद बनकर इतिहास रच चुकी हैं, और यह साबित कर दिया है कि लगन और मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

उनकी सफलता हमें यह सिखाती है कि चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी विपरीत क्यों न हों, अगर आपके अंदर जुनून है और आप लगातार प्रयास करते रहते हैं, तो सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी। इसलिए, हमेशा याद रखें—जीवन में बड़े से बड़े सपने देखो, उन्हें पूरा करने के लिए पूरी ईमानदारी से मेहनत करो, और कभी हार न मानो। पहली आदिवासी एयर होस्टेस गोपिका गोविंद ने यह कर दिखाया है, अब आपकी बारी है!

  • SHUBHAM SONI
  • PUBLISHED ON-12/04/2025

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